खंड 30 No. 03 (2010): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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भारतीय परिप्रेक्ष्य मै शांति शिक्षा

प्रकाशित 2024-11-19

संकेत शब्द

  • मानसिक शांति,
  • आत्मिक संतुलन,
  • शांति का समग्र दृष्टिकोण

सार

भारतीय परिप्रेक्ष्य में शांति शिक्षा का सिद्धांत अत्यंत गहरा और समृद्ध है। शांति केवल युद्ध या संघर्ष की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि यह मानसिक, सामाजिक, और आत्मिक संतुलन की स्थिति है। भारतीय दार्शनिक परंपराओं में, विशेष रूप से वेद, उपनिषद, भगवद गीता, और बौद्ध धर्म में शांति को जीवन के सर्वोत्तम लक्ष्य के रूप में देखा गया है। शांति शिक्षा का उद्देश्य न केवल बाहरी संघर्षों को समाप्त करना है, बल्कि यह व्यक्ति के भीतर की शांति, सहिष्णुता, और अहिंसा के सिद्धांतों को भी बढ़ावा देना है।

भारतीय संस्कृति में शांति का संदेश एक समग्र दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया गया है, जिसमें आत्म-ज्ञान, सामाजिक समरसता, और विश्वबंधुत्व की भावना निहित है। शांति शिक्षा का मुख्य उद्देश्य छात्रों को न केवल मानसिक शांति, बल्कि समाज में सौहार्दपूर्ण और जिम्मेदार नागरिक बनाने की दिशा में प्रशिक्षित करना है। यह शिक्षा जीवन के विभिन्न पहलुओं में सामंजस्य और सहिष्णुता की भावना को विकसित करती है, जिससे व्यक्ति अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में शांति और संतुलन बनाए रख सकता है।