प्रकाशित 2024-11-29
संकेत शब्द
- मूल्यांकन प्रणाली के लाभ,
- मूल्यांकन प्रक्रिया
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सार
इस अध्ययन का उद्देश्य विश्वविद्यालय स्तर पर केंद्रीय मूल्यांकन प्रणाली के प्रभाव और इसकी प्रक्रिया का गहन विश्लेषण करना है। केंद्रीय मूल्यांकन प्रणाली, जो विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों की परीक्षा मूल्यांकन प्रक्रिया को केंद्रीकृत और व्यवस्थित करती है, ने भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। इस अध्ययन में, मूल्यांकन की मौजूदा पद्धतियों, उनके फायदे और सीमाओं, और इसके प्रभावों पर विस्तृत विचार किया गया है।
लेख में यह बताया गया है कि केंद्रीय मूल्यांकन के माध्यम से परीक्षा परिणामों में पारदर्शिता, निष्पक्षता और समानता को बढ़ावा मिलता है, लेकिन यह भी पाया गया है कि इसके कुछ नकारात्मक पहलू हैं, जैसे कि मूल्यांकन प्रक्रिया में देरी, मानकीकरण की समस्या और प्रायोगिक विषयों के मूल्यांकन में कठिनाइयाँ। अध्ययन में यह भी चर्चा की गई है कि विश्वविद्यालयों के विभिन्न विभागों और शिक्षकों के बीच समन्वय की कमी, केंद्रीय मूल्यांकन प्रणाली के कार्यान्वयन में एक प्रमुख चुनौती है।
इसके अतिरिक्त, लेख में यह सुझाव दिया गया है कि केंद्रीय मूल्यांकन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी हस्तक्षेप, जैसे कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का उपयोग, और शिक्षकों की निरंतर ट्रेनिंग की आवश्यकता है। साथ ही, यह अध्ययन यह भी इंगीत करता है कि मूल्यांकन प्रणाली में सुधार के लिए शैक्षिक नीति, संस्थागत समर्थन और छात्रों के हितों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।