खंड 30 No. 04 (2010): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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शिखने का मिथक

प्रकाशित 2024-11-19

संकेत शब्द

  • अंक प्रणाली,
  • साक्षात्कार और अनुभव

सार

इस लेख में "शिखने का मिथक" पर विचार किया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि समाज में शिक्षा और सीखने से जुड़ी कई सामान्य धारणाएँ और मिथक कितनी हद तक वास्तविकता से परे हैं। लेख में यह चर्चा की गई है कि परंपरागत शिक्षा प्रणाली में हम अक्सर यह मानते हैं कि शिक्षा केवल स्कूल और कॉलेज तक सीमित है, जबकि वास्तविकता यह है कि शिक्षा जीवनभर चलने वाली प्रक्रिया है और यह कभी भी, कहीं भी, किसी भी रूप में हो सकती है।

इस मिथक को चुनौती देते हुए, लेख में यह बताया गया है कि आध्यात्मिक विकास, कौशल विकास, प्राकृतिक वातावरण से सीखना, और व्यावहारिक अनुभव भी शिक्षा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि सिर्फ किताबों और अंक प्रणाली पर निर्भर रहने से हम सीखने की व्यापकता को नजरअंदाज करते हैं।