खंड 30 No. 02 (2009): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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पर्यावरण एवं पर्यावरण नीतिशास्त्र शिक्षा: एक प्रतिमान परिवर्तन

प्रकाशित 2024-11-13

संकेत शब्द

  • पर्यावरण नीतिशास्त्र शिक्षा,
  • भविष्य की पीढ़ी

सार

यह लेख पर्यावरण एवं पर्यावरण नीतिशास्त्र शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रतिमान परिवर्तन को उजागर करता है। पिछले कुछ दशकों में पर्यावरणीय संकटों की बढ़ती गंभीरता ने पर्यावरण शिक्षा को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता उत्पन्न की है। विशेष रूप से, पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से हटकर, यह आवश्यक हो गया है कि पर्यावरणीय शिक्षा न केवल शैक्षिक संस्थाओं तक सीमित रहे, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों तक पहुंचे। समाज में पर्यावरणीय चेतना फैलाने और नीतियों के प्रति जिम्मेदारी विकसित करने के लिए आवश्यक परिवर्तनात्मक दृष्टिकोण की चर्चा करते हुए, यह लेख एक सशक्त और समावेशी पर्यावरण शिक्षा के मॉडल की आवश्यकता पर जोर देता है, जो भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरणीय संकटों से निपटने में सक्षम बनाए।