प्रकाशित 2024-11-25
संकेत शब्द
- साक्षरता,
- आर्थिक असमानता
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सार
स आलेख में भारतवर्ष में साक्षरता की विविधताएँ और इसके विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया है। भारत में साक्षरता केवल शिक्षा की दर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक बहुआयामी अवधारणा है, जिसमें सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संदर्भों को भी ध्यान में रखा जाता है। लेख में यह बताया गया है कि साक्षरता का स्तर भारत के विभिन्न राज्यों, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों, और विभिन्न जाति-धर्म समूहों के बीच अत्यधिक भिन्नता है।
इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि भारत में साक्षरता की वृद्धि में कई चुनौतियाँ मौजूद हैं, जैसे कि शिक्षा का असमान वितरण, महिलाओं की साक्षरता दर में कमी, और शिक्षा की गुणवत्ता में असमानता। इसके अलावा, यह आलेख यह भी रेखांकित करता है कि साक्षरता से जुड़ी केवल पारंपरिक शिक्षा प्रणाली नहीं, बल्कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT), कार्यस्थल में कौशल प्रशिक्षण, और जीवन कौशल शिक्षा जैसे नए आयाम भी महत्वपूर्ण हो गए हैं।