खंड 32 No. 01 (2011): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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विद्यार्थियों की शााब्दिक सृजनात्मकता का विकास

प्रकाशित 2024-11-25

संकेत शब्द

  • रचनात्मक लेखन,
  • शिक्षक की भूमिका,
  • स्वतंत्र विचार और अभिव्यक्ति

सार

इस आलेख में विद्यार्थियों की शाब्दिक सृजनात्मकता के विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है और यह बताया गया है कि शाब्दिक सृजनात्मकता केवल भाषा कौशल में सुधार नहीं करती, बल्कि छात्रों के विचार, व्यक्तित्व, और समग्र मानसिक विकास को भी प्रोत्साहित करती है। लेख में यह विवेचन किया गया है कि शाब्दिक सृजनात्मकता का मतलब है विचारों को अभिव्यक्त करने की क्षमता, जिसमें शब्दों का प्रयोग, भाषा के विभिन्न आयामों का समृद्ध उपयोग, और नए विचारों का निर्माण शामिल है।

यह अध्ययन यह बताता है कि सृजनात्मकता विद्यार्थियों में संवाद कौशल, समस्या हल करने की क्षमता, और आलोचनात्मक सोच को बढ़ावा देती है। शाब्दिक सृजनात्मकता के विकास के लिए साहित्य, काव्य लेखन, निबंध लेखन, संवाद और रचनात्मक कहानी लेखन जैसे गतिविधियाँ अत्यंत प्रभावी होती हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से विद्यार्थी न केवल अपनी शब्दावली में वृद्धि करते हैं, बल्कि अपनी विचारधारा को नए तरीके से प्रस्तुत करने की क्षमता भी प्राप्त करते हैं।