खंड 32 No. 02 (2011): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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शिक्षण अधिगम प्रक्रियाओं में जेंडर विभेधीकरण : एक आलोचनात्मक अध्ययन

प्रकाशित 2024-11-25

संकेत शब्द

  • समाजिक संस्थाएँ,
  • संस्कृतिक मूल्यांकन

सार

इस आलेख में "एक आलोचनात्मक अध्ययन" के माध्यम से किसी विशेष विषय, सिद्धांत, या विचारधारा का गहन और विश्लेषणात्मक मूल्यांकन किया गया है। आलोचनात्मक अध्ययन का उद्देश्य किसी भी अध्ययन, सिद्धांत या दृष्टिकोण की गुणात्मक और दोषात्मक दोनों पहलुओं को परखना होता है, ताकि उसके प्रभाव, सीमाएँ और संभावनाएँ स्पष्ट हो सकें। इस आलेख में विचार किया गया है कि आलोचनात्मक अध्ययन केवल नकारात्मक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि किसी भी विषय की सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ओर से समीक्षा करके किया जाता है।

लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि आलोचनात्मक अध्ययन किसी भी शैक्षिक, सामाजिक, या सांस्कृतिक पहलू को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है, जो न केवल समस्याओं का समाधान प्रदान करता है, बल्कि नए विचारों और दृष्टिकोणों को भी जन्म देता है। उदाहरण के तौर पर, समाज में मौजूद विभिन्न संस्थाओं, राजनीतिक नीतियों, शैक्षिक प्रणालियों और सांस्कृतिक मान्यताओं पर आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने से इनकी कार्यप्रणाली, प्रभाव, और प्रासंगिकता का मूल्यांकन किया जा सकता है।