प्रकाशित 2024-11-25
संकेत शब्द
- नीति शास्त्र,
- अर्थशास्त्र
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सार
इस आलेख में "भारत का राजनीतिक दर्शन" पर चर्चा की गई है, जिसमें भारतीय राजनीतिक विचारधाराओं, सिद्धांतों और परंपराओं का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ में विश्लेषण किया गया है। भारत का राजनीतिक दर्शन प्राचीन काल से ही समाज, धर्म, राज्य और न्याय के बीच एक गहरे रिश्ते को दर्शाता है। लेख में यह बताया गया है कि भारतीय राजनीति का आधार न केवल राज्यशास्त्र और कानूनों में, बल्कि धार्मिक, दार्शनिक और सांस्कृतिक परंपराओं में भी निहित है।
इस आलेख में भारतीय राजनीतिक दर्शन के कुछ प्रमुख विचारधाराओं पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जैसे कि धर्मशास्त्र, राजधर्म, नीति शास्त्र, और तत्त्वज्ञानी विचार। प्राचीन भारतीय ग्रंथों जैसे मनुस्मृति, महाभारत, और अर्थशास्त्र में निहित सिद्धांतों के माध्यम से, यह आलेख यह स्पष्ट करता है कि भारतीय राजनीतिक दर्शन में न्याय, समानता, धर्म, और राज्य की भूमिका को केंद्रीय स्थान दिया गया है।
लेख में यह भी उल्लेख किया गया है कि भारत में राजनीति का उद्देश्य न केवल राज्य और सत्ता का संचालन है, बल्कि व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में धर्म, नैतिकता और समाज के भले को सुनिश्चित करना भी है। यह भारतीय राजनीतिक दर्शन अन्य प्राचीन विचारधाराओं से भिन्न है, क्योंकि यह लोकतंत्र, समाजवाद, और न्याय के सिद्धांतों को समाहित करता है, जो भारतीय समाज में एक समग्र दृष्टिकोण से कार्य करते हैं।