खंड 32 No. 02 (2011): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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मानवीय मूल्योंसन समन्वित अध्यापक शिक्षा की आवश्यकता

प्रकाशित 2024-11-25

संकेत शब्द

  • मानवीय मूल्य,
  • समन्वित अध्यापक शिक्षा

सार

आज के शैक्षिक परिप्रेक्ष्य में शिक्षक केवल शैक्षिक ज्ञान के संवर्धक नहीं, बल्कि छात्रों के मानसिक, सामाजिक और नैतिक विकास के मार्गदर्शक भी होते हैं। इस कारण, शिक्षक शिक्षा में मानवीय मूल्यों का समन्वय अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। यह अध्ययन मानवीय मूल्यों के समन्वित अध्यापक शिक्षा की आवश्यकता पर केंद्रित है, जो न केवल शिक्षक के पेशेवर कौशलों में वृद्धि करता है, बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार, संवेदनशील और नैतिक व्यक्ति भी बनाता है।

प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धतियों में शिक्षक को "गुरु" का स्थान दिया गया था, जो न केवल विद्या का प्रचारक होता था, बल्कि नैतिकता, सहानुभूति, और समाज के प्रति जिम्मेदारी का भी उदाहरण प्रस्तुत करता था। आज के समय में, जब शिक्षा प्रणाली में तकनीकी नवाचार और प्रतिस्पर्धा बढ़ी है, तो अध्यापक शिक्षा में मानवीय मूल्यों की अनिवार्यता और बढ़ गई है। इस अध्ययन में यह बताया गया है कि शिक्षक को भावनात्मक बुद्धिमत्ता, सहानुभूति, सहकार्य, और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे मूल्यों से लैस करना आवश्यक है, ताकि वे छात्रों को जीवन में सफलता पाने के लिए सिर्फ शैक्षिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि एक बेहतर इंसान बनने के दृष्टिकोण से भी मार्गदर्शन कर सकें।