Vol. 32 No. 02 (2011): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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जेंडर असमानता : एक ऐतिहासिक अध्ययन

Published 2024-11-25

Keywords

  • ऐतिहासिक अध्ययन,
  • सामाजिक असमानता

How to Cite

अनुज कुमार. (2024). जेंडर असमानता : एक ऐतिहासिक अध्ययन. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 32(02), p. 112-117. http://45.127.197.188:8090/index.php/bas/article/view/723

Abstract

जेंडर असमानता एक ऐतिहासिक और सामाजिक समस्या रही है, जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न रूपों में देखने को मिली है। यह अध्ययन जेंडर असमानता के ऐतिहासिक विकास, इसके कारणों और सामाजिक, सांस्कृतिक, और राजनीतिक प्रभावों पर ध्यान केंद्रित करता है। विशेष रूप से, यह लेख महिलाओं और पुरुषों के बीच पारंपरिक भूमिका विभाजन, शिक्षा, रोजगार, और राजनीति में जेंडर आधारित भेदभाव के ऐतिहासिक संदर्भ को विश्लेषित करता है।

प्राचीन समाजों से लेकर मध्यकालीन और आधुनिक काल तक, जेंडर असमानता ने सामाजिक संरचनाओं, धर्म, और कानूनों के माध्यम से अपनी जड़े मजबूत की थीं। महिलाओं को प्रायः उनके प्राकृतिक कर्तव्यों और सीमित अधिकारों के आधार पर समाज में निचला दर्जा दिया गया, जबकि पुरुषों को सार्वजनिक जीवन और निर्णय लेने के क्षेत्रों में प्रमुख स्थान मिला। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि विभिन्न क्रांतियों, जैसे महिलाओं के अधिकारों की क्रांति, सामाजिक सुधार आंदोलनों, और वैश्विक मानवाधिकार आंदोलनों ने जेंडर असमानता को चुनौती दी और इसके खिलाफ संघर्ष को तेज किया।