Vol. 32 No. 03 (2012): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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पठन कौशल का विकास - कुछ बुनीयदी सरोकार

Published 2024-11-29

Keywords

  • शब्दावली,
  • भाषा की समझ,
  • शिक्षक की भूमिका

How to Cite

पठन कौशल का विकास - कुछ बुनीयदी सरोकार . (2024). भारतीय आधुनिक शिक्षा, 32(03), p. 5-16. http://45.127.197.188:8090/index.php/bas/article/view/769

Abstract

ठन कौशल का विकास शिक्षा के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है, क्योंकि यह न केवल शैक्षिक सफलता के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज में सूचना, ज्ञान और विचारों के प्रसार में भी अहम भूमिका निभाता है। इस लेख का उद्देश्य पठन कौशल के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करना है, और यह समझना है कि इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है, विशेषकर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा स्तर पर।

पठन कौशल के विकास में कई बुनियादी सरोकार शामिल हैं, जैसे सही शब्दावली, भाषा की समझ, ध्वन्यात्मक समझ (Phonemic Awareness), पढ़ने की गति, और समझने की क्षमता। ये सभी घटक मिलकर छात्र की पठन क्षमता को प्रभावित करते हैं। लेख में यह भी बताया गया है कि पठन केवल शब्दों को पहचानने और उनका उच्चारण करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पाठ के अर्थ और संदेश को समझने की प्रक्रिया भी है।