Vol. 33 No. 01 (2012): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन : चुनौतियाँ और संभावनाएँ

Published 2024-11-29

Keywords

  • सामाजिक विकासव,
  • मूल्यांकन प्रणाली

How to Cite

अनुज कुमार. (2024). सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन : चुनौतियाँ और संभावनाएँ. भारतीय आधुनिक शिक्षा, 33(01), p. 60-67. http://45.127.197.188:8090/index.php/bas/article/view/989

Abstract

सतत् और व्यापक मूल्यांकन शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी पहल है, जिसका उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। यह प्रणाली परंपरागत परीक्षा पद्धतियों के बजाय छात्रों के शैक्षिक, मानसिक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर अधिक ध्यान केंद्रित करती है। इस लेख में सतत् और व्यापक मूल्यांकन की अवधारणा, इसके कार्यान्वयन की चुनौतियाँ और संभावनाएँ पर चर्चा की गई है।

सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन को लागू करने में कई चुनौतियाँ हैं, जैसे शिक्षकों की उचित प्रशिक्षण की कमी, स्कूलों में संसाधनों की अभाव, और मूल्यांकन की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की समस्या। हालांकि, इस प्रणाली के द्वारा छात्रों के आत्मनिर्भरता, रचनात्मक सोच, और सामाजिक कौशल को बढ़ावा मिलता है। इसके अलावा, यह शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह केवल अंकों पर निर्भर न होकर छात्रों के समग्र विकास पर जोर देता है।