बीएड परीक्षणा की हिंदी लेखन में बर्तनीगत शुद्धता पर शिक्षण माध्यम, वर्ग, जेंडर एवं पुष्ठभूमि के प्रभाव का अध्ययन
प्रकाशित 2024-11-29
संकेत शब्द
- शिक्षण रणनीतियाँ,
- सामाजिक कारक
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सार
इस अध्ययन का उद्देश्य बीएड परीक्षा में हिंदी लेखन की बर्तनीगत शुद्धता पर विभिन्न सामाजिक और शैक्षिक कारकों का प्रभाव विश्लेषित करना है। अध्ययन में यह जांच की गई है कि शिक्षण माध्यम (हिंदी या अंग्रेजी), छात्र का वर्ग (गरीब या समृद्ध), जेंडर (पुरुष या महिला), और सामाजिक पृष्ठभूमि (शहरी या ग्रामीण) के आधार पर बीएड छात्रों की बर्तनीगत शुद्धता पर क्या प्रभाव पड़ता है।
इस शोध में पाया गया कि हिंदी या अंग्रेजी माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों में लेखन की शुद्धता में महत्वपूर्ण अंतर होता है, जहाँ हिंदी माध्यम से अध्ययन करने वाले छात्रों की बर्तनी शुद्धता अधिक होती है। इसी तरह, छात्रों का वर्ग और पृष्ठभूमि भी लेखन की शुद्धता में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं। शहरी क्षेत्रों के छात्रों की बर्तनी अधिक सटीक पाई गई, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों में बर्तनी की गलतियाँ अधिक थीं। जेंडर के संदर्भ में, यह अध्ययन दर्शाता है कि महिलाओं के लेखन में बर्तनी की शुद्धता पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है।