खंड 33 No. 04 (2013): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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आकलन का वर्तमान चक्रव्यूह

प्रकाशित 2024-11-29

संकेत शब्द

  • प्रौद्योगिकी और आकलन,
  • ऑनलाइन परीक्षण,
  • शिक्षा प्रणाली

सार

इस लेख में शिक्षा प्रणाली में आकलन के वर्तमान चक्रव्यूह पर चर्चा की गई है। इसमें आकलन के विभिन्न आयामों और वर्तमान समय में इसके प्रभावी उपयोग के तरीकों पर प्रकाश डाला गया है। विशेष रूप से, यह लेख इस बात पर केंद्रित है कि कैसे पारंपरिक आकलन पद्धतियाँ और आधुनिक तकनीकी उपकरण एक-दूसरे से टकराते हुए शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहे हैं।

मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

  1. पारंपरिक आकलन प्रणाली: लेख में पारंपरिक परीक्षा प्रणाली का विवरण दिया गया है, जिसमें केवल लिखित परीक्षणों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। यह प्रणाली छात्रों की समग्र क्षमता को मापने में सीमित होती है।

  2. प्रौद्योगिकी और आकलन: आज के डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी के उपयोग से आकलन प्रणाली में सुधार हुआ है। ऑनलाइन परीक्षण, ई-लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म, और डेटा एनालिटिक्स की मदद से आकलन अधिक व्यक्तिगत और तत्काल किया जा सकता है।

  3. समग्र आकलन: इस लेख में समग्र आकलन (holistic assessment) की आवश्यकता पर बल दिया गया है, जिसमें छात्रों की क्षमता, समझ, रचनात्मकता, और सामाजिक कौशल का मूल्यांकन किया जाए, न कि सिर्फ उनके अकादमिक प्रदर्शन का।

  4. वर्तमान चक्रव्यूह: आकलन के वर्तमान चक्रव्यूह में पारंपरिक और आधुनिक पद्धतियों का मिश्रण है, जो छात्रों के सीखने के अनुभव को परिष्कृत और चुनौतीपूर्ण बनाता है। यह चक्रव्यूह लगातार विकसित हो रहा है और इसमें छात्रों की शिक्षा के विविध पहलुओं का ध्यान रखा जाता है।