खंड 33 No. 04 (2013): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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किशोरों मै हिसात्मक प्रवृत्ति कारण एवं निदान

प्रकाशित 2024-11-29

संकेत शब्द

  • किशोरावस्था,
  • मानसिक स्वास्थ्य

सार

किशोरावस्था वह महत्वपूर्ण चरण है जब युवा मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से तीव्र बदलावों से गुजरते हैं। इस समय में कई किशोर हिंसात्मक प्रवृत्तियों का सामना करते हैं, जो उनके व्यक्तिगत, सामाजिक और शैक्षिक जीवन पर गहरा प्रभाव डालती हैं। हिंसा की प्रवृत्तियाँ विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें पारिवारिक अस्थिरता, सामाजिक दबाव, मानसिक तनाव, और डिजिटल मीडिया का प्रभाव शामिल हैं। इस आर्टिकल में किशोरों में हिंसात्मक प्रवृत्तियों के कारणों की गहरी जांच की जाएगी, साथ ही इसके निदान और उपायों पर भी चर्चा की जाएगी।

किशोरों में हिंसा का मुख्य कारण उनके परिवार और समाज में मिलने वाला गलत संदेश, अपार मानसिक दबाव, साथी-समूहों से अपेक्षाएँ, और उनके जीवन में भूमिका मॉडल का अभाव हो सकता है। इसके अतिरिक्त, हिंसात्मक वीडियो गेम्स, सोशल मीडिया पर नफरत भरी सामग्री, और शहरी जीवन में बढ़ता तनाव भी किशोरों में आक्रामकता को बढ़ावा देते हैं। जब किशोर अपने परिवेश से सही दिशा या समर्थन प्राप्त नहीं करते, तो वे हिंसा को अपने गुस्से और असंतोष का प्रदर्शन करने का एक तरीका मान सकते हैं।