खंड 31 No. 01 (2010): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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यौरोपीय भाषा : चिंतन ओर भारत

प्रकाशित 2024-11-21

संकेत शब्द

  • यूरोपीय भाषा चिंतन,
  • भारतीय साहित्य

सार

यूरोपीय भाषा चिंतन ने भारतीय समाज, संस्कृति और शैक्षिक संरचनाओं पर गहरे प्रभाव डाले हैं। विशेष रूप से 19वीं और 20वीं शताब्दी में, जब ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन ने भारतीय उपमहाद्वीप में यूरोपीय भाषाओं और विचारधाराओं का प्रसार किया, तो यह भारतीय बौद्धिक परंपराओं, भाषा और साहित्य के संदर्भ में कई बदलावों का कारण बना। यह शोध यूरोपीय भाषा चिंतन की भारत में मौजूद सांस्कृतिक और सामाजिक धारा पर पड़ने वाले प्रभावों का विश्लेषण करता है, और यह समझने की कोशिश करता है कि किस प्रकार यूरोपीय विचारधाराएँ भारतीय शिक्षा और समाज में परिवर्तन लाने के साथ-साथ भारतीय भाषाओं के स्वरूप में भी बदलाव लाती हैं।