खंड 31 No. 03 (2011): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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भूमिका निर्वाह प्रतिमान द्वारा समानुभूति का विकास

प्रकाशित 2024-11-21

संकेत शब्द

  • भूमिका निर्वाह,
  • मानसिक विकास

सार

शिक्षा और व्यक्तिगत विकास में "भूमिका निर्वाह" और "प्रतिमान समानुभूति" दो महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं, जो विद्यार्थियों और समाज में मानसिक एवं भावनात्मक विकास को प्रोत्साहित करते हैं। भूमिका निर्वाह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति किसी विशेष भूमिका को निभाकर न केवल अपने व्यवहार और सोच को समझता है, बल्कि वह विभिन्न दृष्टिकोणों से जीवन को देखने की क्षमता भी विकसित करता है। यह प्रक्रिया विद्यार्थियों को समस्या सुलझाने, संवाद कौशल, और टीम कार्य में दक्षता हासिल करने में मदद करती है।