प्रकाशित 2024-11-13
संकेत शब्द
- गद्य साहित्य,
- जागरूकता और संवेदनशीलता
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सार
यह लेख महादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में निहित शैक्षिक दृष्टिकोण और उसकी आज के समय में प्रासंगिकता पर केंद्रित है। महादेवी वर्मा, जिनका लेखन भारतीय साहित्य में न केवल कविता के लिए, बल्कि गद्य के क्षेत्र में भी अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है, अपने गद्य लेखन के माध्यम से समाज में व्याप्त असमानताएँ, सामाजिक एवं सांस्कृतिक मुद्दे, और महिला स्वतंत्रता को उकेरती हैं। उनके गद्य साहित्य में छिपे शैक्षिक विचारों का एक गहरा ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संदर्भ है, जो वर्तमान शैक्षिक प्रणाली में मार्गदर्शन प्रदान कर सकते हैं।
लेख में यह दिखाया गया है कि महादेवी वर्मा के गद्य साहित्य में नैतिक शिक्षा, मानवीय संवेदनाएँ, और सामाजिक समानता की परतें किस प्रकार अभिव्यक्त होती हैं। उनका लेखन न केवल साहित्यिक दृष्टिकोण से बल्कि शैक्षिक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक प्रासंगिक है। वे शिक्षा के माध्यम से आत्मनिर्भरता, जागरूकता और संवेदनशीलता की महत्वपूर्ण बात करती हैं, जो आज की शिक्षा प्रणाली में छात्रों को जीवन कौशल, नागरिक जिम्मेदारी, और सामाजिक बदलाव की दिशा में प्रेरित कर सकती है।