खंड 32 No. 03 (2012): भारतीय आधुनिक शिक्षा
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सामाजिक परिवर्तन के प्रतिनिधि के रूप मै शिक्षा एव शिक्षक

प्रकाशित 2024-11-29

संकेत शब्द

  • शिक्षक की भूमिका,
  • सामाजिक असमानता

सार

सामाजिक परिवर्तन एक सतत प्रक्रिया है, जो समाज की संरचना, मूल्यों, दृष्टिकोण और व्यवहार में बदलाव लाती है। इस परिवर्तन की प्रक्रिया में शिक्षा और शिक्षक का केंद्रीय स्थान है, क्योंकि वे समाज में नई सोच और व्यवहार को उत्पन्न करने के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह आर्टिकल सामाजिक परिवर्तन के संदर्भ में शिक्षा और शिक्षक की भूमिका का विश्लेषण करता है, और यह दर्शाता है कि कैसे ये दोनों समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में योगदान कर सकते हैं।

शिक्षा को समाज के मूल्यों और दृष्टिकोण को विकसित और परिवर्तित करने का एक शक्तिशाली उपकरण माना जाता है। इसके माध्यम से व्यक्ति न केवल बौद्धिक विकास प्राप्त करता है, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और नैतिक विकास भी करता है। शिक्षक, जो बच्चों के पहले मार्गदर्शक होते हैं, सामाजिक बदलाव की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे बच्चों में आलोचनात्मक सोच, सामाजिक समानता, सहिष्णुता और न्याय की भावना का विकास करते हैं, जिससे भविष्य में वे समाज के जिम्मेदार और जागरूक नागरिक बनते हैं।