उत्साह और उमंग से भरपूर बच्चों को विद्यालय में पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों में भी शामिल किया जाए तो शिक्षक के साथ उनका एक आत्मीय रिश्ता कायम हो जाता है साथ ही विद्यालय की स्थिति में भी सुधार लाया जा सकता है। आवश्यकता इस बात की है कि शिक्षक उचित ढंग से कार्य-योजना बनाएं, बच्चों का विश्वास जीते और बच्चों की क्षमता पर विश्वास रखें। इस प्रकार के अनुभव पर यह लेख आधारित है।