सार
खेल बच्चों को शुरू से ही आकर्षित करते हैं। परंतु बच्चे जब औपचारिक शिक्षा के लिए स्कूल जाते हैं तो अधिकांश स्कूलों में खेलने के अलावा सब कुछ होता है। बच्चों को यहां घर सा वातावरण नहीं मिलता बल्कि स्कूल उन्हें कैद की तरह लगता है। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि अत्यंत चाव और उत्सव के साथ स्कूल में कदम रखने वाला बच्चा स्कूल से विमुख होने लगता है। अतः आरंभिक विद्यालयों में बच्चों की रुचियों को ध्यान में रखकर पाठ्यक्रम बनाने तथा उसे लागू करने की आवश्यकता है।