सार
किताबों का हर आदमी की जिंदगी में एक सुनिश्चित योगदान होता है। बहुत बार ऐसा हुआ जब किसी किताब ने किसी के जीवन की दिशा मोड़ दी है। पाठक जानते हैं कि गीता ने गांधी जी को नया मार्ग दिखाया था और फिर जॉन रस्किन की किताब ' अन टू दिस लास्ट' ने तो उनका जीवन ही बदल दिया था। इसी किताब की बदौलत महात्मा जी नई राह पकड़ पाए थे और मोहन से महात्मा बन गए थे। भाईसाहब शिवरतन जी का एक विचारपरख लेख जो हमें कई किताबों से जोड़ देता है। उन्हें उन किताबों से जो मिला उसका भी खुलासा करता है साथ ही हमें उन किताबें पढ़ने की प्रेरणा देता हुआ भी चलता है। आज जब सामान्य जीवन शैली में हर आदमी से किताबों का साथ छूट गया है तब ऐसे किसी लेख का सामने आना ही एक वरदान सिद्ध हो सकता है। पाठकों की सेवा में प्रस्तुत है एक अनन्य एवं अप्रतिम लेख। पाठक कृपया पढ़कर अपने विचारों से हमें अवगत कराएं।