सार
शिक्षा के सर्वजनीकरण की दृष्टि से पूर्व-प्राथमिक शिक्षा का अत्यंत महत्व है। पूर्व-प्राथमिक शिक्षा बच्चों को औपचारिक शिक्षा के लिए पूर्ण रूप से तैयार करती है, जिससे वे प्राथमिक शिक्षा केंद्रों में रुचिपूर्वक पढ़ते हैं और विद्यालय छोड़ने की प्रवृत्ति से बच जाते हैं। इसका उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि जागृत करना और उसके सर्वांगीण विकास के लिए उनकी कल्पना शक्ति को उचित पोषण प्रदान करना है। परंतु, पूर्व-प्राथमिक शिक्षा के इस लक्ष्य की पूर्ति तभी संभव है जब शिक्षक पूर्व प्राथमिक शिक्षा के अर्थ को सही मायने में समझे एवं शिक्षा को बाल केंद्रित, बंधनमुक्त, सुखद और आनंदप्रद बनाएं, जो कि खेल आधारित गतिविधियों द्वारा ही संभव है। खेल आधारित गतिविधियों के महत्व को समझना और कार्यान्वित करना किसी चुनौती से काम नहीं। लेकिन इस चुनौती का सामना कैसे करें? जानने के लिए पढ़िए यह लेख।