सीखने सिखाने की प्रक्रिया के दौरान कई बार बच्चे कुछ विनोद भी कर देते हैं। यह एक ऐसा पल होता है, जिसमें बच्चे एक प्रकार से शिक्षक की परीक्षा लेते हैं। यदि बच्चों द्वारा किए गए विनोद को लेकर शिक्षक उत्तेजित और क्रोधित हो जाता है तो एक प्रकार से वह अनुत्तीर्ण हो जाता है। इसके विपरीत यदि शिक्षक भी विनोद को विनोद रूप में ही ले, तो वह बच्चों के मन पर विजय प्राप्त कर लेते हैं।