Abstract
पर्यावरण का संबंध व्यक्ति के सामान्य जीवन, रहन-सहन संस्कृति एवं प्राकृतिक संसाधनों के बुद्धिमत्ता पूर्ण उपयोग से हैं। अतः बच्चों में अपने आसपास के पेड़ पौधों और जीव जंतुओं के प्रति संवेदना, स्वयं के प्रति जागरूकता एवं सही गलत की पहचान करने की क्षमता विकसित करना जरूरी है। प्रस्तुत अध्ययन में निदानात्मक परीक्षण से छात्रों में व्याप्त पर्यावरण संबंधी समझ एवं कठिनाइयों का पता लगाया गया। तत्पश्चात छात्र-छात्राओं का स्वयं अभिवृत्ति को बढ़ाने के लिए गतिविधि पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन कर पुनः पश्च: परीक्षण लेकर गतिविधि पर आधारित पर्यावरण शिक्षण के परिणामों को देखा गया है। क्या थे वे परिणाम? जानने के लिए पढ़िए यह शोध आधारित लेख।