Vol. 34 No. 1 (2010): प्राथमिक शिक्षक
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बचपन: कहते-कहते बनी कहानी

क्षमा शर्मा
लेख हिंदुस्तान

Published 2024-11-27

Keywords

  • कहानी

How to Cite

बचपन: कहते-कहते बनी कहानी. (2024). प्राथमिक शिक्षक, 34(1), p.52-53. http://45.127.197.188:8090/index.php/pp/article/view/332

Abstract

कहानी सुनना बच्चों को बहुत भाता है। कहानी सुनाते समय बच्चों को कहानी बनाने या कहानी आगे बढ़ाने के लिए कहा जाए तो बच्चे बहुत उत्साह से इसमें भाग लेते हैं। ऐसा करने से बच्चों की सृजनात्मकता को अवसर मिलता है, साथ ही उनके मनोभावों की जानकारी भी बड़ों को हो जाती है। बच्चों के मन की बात तो उनके साथ कहानी की दुनिया में रमकर ही जानी जा सकती है।