Vol. 35 No. 4 (2011): प्राथमिक शिक्षक
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गांधी जी: कर्मयोगी और लेखक के रूप में

Published 2024-11-27

Keywords

  • महात्मा गांधी,
  • राष्ट्रपिता,
  • लेख

How to Cite

गांधी जी: कर्मयोगी और लेखक के रूप में. (2024). प्राथमिक शिक्षक, 35(4), p.5-12. http://45.127.197.188:8090/index.php/pp/article/view/419

Abstract

महात्मा गांधी जिन्हें हम 'राष्ट्रपिता' या 'बापू' के नाम से भी जाता हैं। गांधी जी का मानना है कि कोई भी कार्य स्वयं में छोटा या बड़ा नहीं होता। मनुष्य को बड़ा बनाते हैं - उसका व्यवहार और अच्छा आचरण। गांधी जी ने हमें न केवल सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया बल्कि उच्च नैतिक आदर्शों पर चलने के लिए प्रेरित भी किया। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित अनुबंद्योपाध्याय लिखित पुस्तक 'बहुरूप गांधी' में गांधी जी के व्यक्तित्व के विविध रूपों की चर्चा की गई है। उनमें से गांधी जी के व्यक्तित्व के दो रूप लेखक और कर्म योगी की चर्चा इस लेख में की गई है। जानने के लिए पढ़िए यह लेख।