प्राथमिक शिक्षा के गुणात्मक प्रभाव में वृद्धि हेतु सरकारी प्रयास के प्रति अभिभावकों के विचार विश्लेषण
Published 2024-11-27
Keywords
- प्राथमिक शिक्षा,
- गुणात्मक प्रभाव,
- अभिभावकों के विचार विश्लेषण
How to Cite
Abstract
प्रस्तुत अध्ययन जौनपुर जनपद पर किया गया था। विवरण आत्मक अनुसंधान की सर्वेक्षण विधि द्वारा उद्देश्य पूर्ण प्रतिचयन से कुल 200 अभिभावकों का चयन किया गया था, जिन पर स्वनिर्मित 21 कथनों की प्रश्नावली प्रकाशित करते हुए प्रति कथन पर हां/नहीं में से किसी एक पर विचार लिए गए थे, जिनकी प्रतिशत मात्रा और सार्थकता परीक्षण हेतु काई स्क्वार्य टेस्ट परीक्षण का प्रयोग किया गया था। अध्ययन के समूह तीन थे - प्रथम बी.टी.सी प्रशिक्षण प्राप्त अध्यापक, द्वितीय विशिष्ट बी.टी.सी प्रशिक्षण प्राप्त और तृतीय समूह 30 दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षामित्र, जिनके प्रति अभिभावकों के विचार विश्लेषण करते हुए शून्य परिकल्पना का परीक्षण किया गया था जो 21 कथनों के लिए 0.1 सार्थकता स्तर पर तीनों समूहों के लिए भिन्नता स्पष्ट लिया था। और स्पष्ट यह हुआ कि बी.टी.सी प्रशिक्षण प्राप्त यानी पुराने अध्यापक ही शिक्षा का गुणात्मक प्रभाव बनाए हुए हैं, विशिष्ट बी.टी.सी प्रशिक्षण प्राप्त अध्यापक अपनी उर्जा अन्य व्यवसाय पर खर्च करते हैं, जबकि शिक्षामित्र महज खाना पूर्ति करते हैं तथा ट्यूशन पढ़ने को बाध्य करते हैं। अतः सरकार का प्रयास विचारणीय है, गुणात्मक प्रभाव की दिशा में से बढ़ाने के लिए बी.टी.सी प्रशिक्षित अध्यापकों को ही रखा जाना चाहिए।