Abstract
गणित का हमारे शैक्षिक और सामाजिक दोनों स्तरों में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। तुलना करने से लेकर गिनती गिनने तक सभी संभावनाओं का प्रारंभ मूल रूप से गणित से ही जुड़ा हुआ होता है, इसीलिए समाज में 'ज्यादा गणित ना लगाओ' जैसे जुमले भी बातचीत में देखे जाते हैं। गणित का एक विषय के रूप में प्राथमिक और जूनियर स्तर में क्या और कितना महत्वपूर्ण स्थान है, इस पर चर्चा करने के बजाय गणित शिक्षण की समस्याओं, उसके प्रति लोगों के मन में व्याप्त संशय, पूर्वाग्रहों आदि पर यह लेख प्रकाश डालता है।