Published 2024-11-22
Keywords
- चुप्पी की संस्कृति,
- राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005
How to Cite
Abstract
स्थानीय परिवेश के वल भौतिक अथवा प्राकृतिक नहीं होता, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक भी होता है। प्रत्येक बच्चे की स्वयं की अपनी विचार-प्रक्रिया होती है। लेकिन बच्चे के कक्षा में पूछने पर प्रतिबन्ध लगाने से उसकी प्रतिभा का दमन किया जाना एक भविष्य को दिशाविहीन करने जैसा है । एक विद्यालय के लिए यह आवश्यक है कि वह बच्चे की इस विचार-प्रक्रिया को सुने और उससे उत्पन्न विचारधारा उन्नत बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करे। चँकूि प्रत्येक बच्चा एक भिन्न समुदाय, संस्कृति और परिवेश से आता है और उसके पास उसके परिवेश से जड़ुी हुई लोक-कथायें, लोकगीत, चटुकुले, कहानियाँ, कलाएँ और सन्दर्भ प्रसंग होते हैं, इनसे बहु-सांस्कृति क वातावरण को समद्ध बनाने में मदद मिल सकती है और चुप्पी की संस्कृति को बढ़ावा देने वाले तत्वों पर लगाम लगाई जा सकती है। इस लेख में बच्चे के कक्षा में सवाल पूछने से लेकर अपनी बात रखने को दबाने के विभिन्न कारकों और उसके निवारण के बारे में चर्चा की गई है ।