Published 2024-11-22
Keywords
- शिक्षा नीति 2016-17,
- स्कूली शिक्षा
How to Cite
Abstract
कक्षाओं में सीखने-सिखाने की प्रक्रिया को समाज की आवश्कताओं और अपेक्षाओ से कैसे जोड़ा जाए, इस बात को केन्द्र में रख कर ही राज्य पाठ्यचर्या की रूपरेखा तय करते हैं । छत्तीसगढ़ राज्य की पाठ्यचर्या की रूपरेखा का प्रारूप - 2007 अन्य तमाम शैक्षिक मुद्दों के साथ-साथ बच्चों की ज्ञान सृजन की क्षमता को केन्द्र में रख कर बनाया गया। इस रूपरेखा को मार्गदर्शन मिला राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005 से, जिसे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा विकसित किया गया है। इस 2007 की पाठ्यचर्या में 2009 में जारी शिक्षा के अधिकार अधिनियम के आलोक में कुछ परिवर्तन कियें। इसमें एक महत्वपर्णू बदलाव था- सतत एवं व्यापक मलू्यांकन का। इस परिवर्तन का कई पहलुओ पर प्रभाव था। उदाहरण के तौर पर कक्षा के स्वरूप, शिक्षक की भमिू का, बच्चे के साथ व्यवहार, आदि। हम यह देख ही सकते है कि जब भी नई पाठ्यचर्या की बात होगी तो इस तरह के अन्य परिवर्तन पाठ्यचर्या के नवीनीकरण के महत्वपर्णू अंग होंगे। हाल की नई शिक्षा नीति 2016-17 की चर्चाओ में यह प्रयास व्यापक स्तर पर हुआ कि राज्य की शैक्षिक चनौतियों और उससे निपटने व शिक्षक प्रक्रियाओ में सुधार की संभावनाओ को टटोला जाए और कुछ ऐसे मुद्दों की तलाश की जाए जिन्हें आने वाले समय में राज्य की पाठ्यचर्या की रूपरेखा के आधार में जोड़ा जाएगा और जिनसे राज्य की स्कूली शिक्षा के गणुवत्ता संवर्धन में महत्वपर्णू मदद मिल सकेगी।