Published 2024-11-26
Keywords
- विज्ञान शिक्षण,
- अंकुरण की अवधारणा
How to Cite
Abstract
यह लेख एक बीज़ से पौधा बनने की प्रक्रिया के कक्षागत अनुभवों का विवरण है। कक्षा 5 के पर्यावरण विषय के अतंर्गत खुद से प्रयोग करके देखते हुए बच्चों के वैकल्पिक अवधारणाएँ टूटी और नई अवधारणाओं को स्थान मिला। पहले बच्चों का मानना था कि बीज के अकुंरण के लिए सिर्फ पानी आवश्यक है जबकि प्रयोग करके उन्होने देखा कि एक बीज के अंकुरण के लिए पानी के साथ हवा और कुछ तापमान आवश्यक है। आगे, कक्षा में कुल 17 बीज से पौधा बनने की प्रक्रिया का अवलोकन किया गया। कक्षा में 17 बीजों में से 4 बीजों का अंकुरण नहीं हो पाया। अंकुरित होने वाले और न होने वाले दोनों बीजों के संदर्भ में चर्चा की गयी। यह चर्चा बीजों से संवन्धित बच्चों के सवालों के उत्तर खोजने और उससे जुड़ी अवधारणाओ पर समझ विकसित करने का माध्यम बनाई गयी। हमने पाया कि 5 घटे की कक्षागत प्रक्रिया के बाद बच्चे कुछ हद तक अपने अवलोकनों के प्रकाश में सवाल रख पा रहे थे जबकि प्रारम्भ में उनके सवाल पाठ्यपुस्तक में दिये गए सवालों से मिलते जलते ही थे। साथ ही बच्चों में बारीक अवलोकन, मापन और डाटा को एकृत करके उसके समूहीकरण जैसे कौशलों का विकास हुआ। कक्षागत प्रक्रियाओ ने हम सभी को एक उनसलझा प्रश्न दिया कि ईलयाची का अंकुरण कैसे होता है। यह सब कुछ जानने की प्रक्रिया से मेरे अदंर की जिज्ञासा सिंचित हुई। अब कोई भी बीज देख कर मेरे मन में अनेक सवाल आते है और मेरे कक्षा के बच्चों के बच्चों के मन में भी। बच्चे आकर मुझसे अब पूछते है कि मैम इसका खोल कैसा होगा कठोर या सख्त, उत्तर भी बे सझाते है कि मैम इसे बोकर देखें अंकुरण होता है कि नहीं। विचार करूँ तो यही है विज्ञान की प्रक्रिया और इसके शिक्षण का उद्देश्य।