प्रकाशित 2024-11-29
संकेत शब्द
- विज्ञान विषय,
- मानववाद,
- प्रदर्शन मानक
##submission.howToCite##
सार
उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों का विज्ञान विषय से पहली बार परिचय होता है| इसलिए यही समय है जब उन्हें जानना चाहिए की विज्ञान विषय को एक अलग विषय के रूप में पढ़ने का मतलब क्या है ? इस स्तर पर पढ़ाने के लिए चुनी गयी विषय वस्तु बच्चों के अनुभव जगत से सम्बंधित होनी चाहिए ? यह कैसे हो की प्रयोगों/कार्यकलापों के माध्यम से ही वैज्ञानिक धारणाएं या सिद्धांत बच्चों के सामने प्रस्तुत किए जाएँ? ऐसे प्रयोग/कार्यकलाप हो सकते हैं जो ज्यादा खर्चीले नहीं हों और तत्काल उपलब्ध वस्तुओं के माध्यम से उन्हें करना कठिन नहीं हो तभी विज्ञान की पाठ्यचर्या में प्रयोग जैसे मुख्य व केन्द्रीय अवयव को सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य किया जा सकता है| हमारा मानना है कि विज्ञान शिक्षा अपेक्षाकृत विपरीत परिस्थितिओं में भी संभव है और इसके लिए ज्यादा बाहरी संसाधनों की जरूरत नहीं पड़ती| राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के अचीवमेंट सर्वेक्षणों में विज्ञान में विद्यार्थियों की संप्राप्ति का स्तर उत्तराखंड राज्य के शिक्षा प्रशासकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है| जनपद बागेश्वर का प्रदर्शन भी राज्य के अन्य जनपदों से कुछ बेहतर होने के बावजूद चिंताजनक है| इसलिए यह बहुत जरुरी हो जाता है कि इसके कारणों की शोध आधारित जांच -पड़ताल की जाए | विज्ञान की पाठ्यचर्चा के उदेश्यों की प्राप्ति के लिए चुनौतियों का पता लगाया जाए , एक समस्या तो यह है कि उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जनपद के विद्यालयों मे विज्ञान किट एवं विज्ञान विषय की प्रयोगशाला की संकल्पना का आभाव, पाठ्यपुस्तक को ही पाठ्यचर्चा के सञ्चालन का एकमात्र आधार बना देता है | अंतः इस अध्ययन में हमने अध्यपकों, प्रधानध्यापको एवं प्रारंभिक शिक्षा के शासन एवं प्रबंधक के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के अभिमत को जानने - समझने का प्रयास किया हैं |