खंड 6 No. 2 (2018): Voices of Teachers and Teacher Educators
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जीवन में भाषा का उपयोग

प्रकाशित 2024-11-22

संकेत शब्द

  • भाषा शिक्षण,
  • शिक्षा नीति–1968

सार

इस लेख में मैंने विभिन्न अहम दस्तावेजों में भाषा और भाषा शिक्षण को लेकर क्या नजरिया प्रस्तुत हुआ है उसकी एक झलक देने का प्रयास किया है| कोशिश यह रही है कि इन नज़रियों के बारे में मुख्य बातें आ जाएँ। जाहिर है इसमें बहुत से और पहलू व बारीकियां हैं, जिन्हें हम इसमें शामिल नहीं कर सकते। यह सिर्फ मुख्य मसलों को रखने का प्रयास है जिससे हम अधिक से अधिक बातचीत कर पाएँ, एक दूसरों के विचारों से रूबरू हो पाए, नये विचारों को जोड़ पाए उन्हें संशोधित कर पाएँ व कुछ और आगे बढ़ पाए| साथ ही साथ यह भी जानने समझने की कोशिश करें कि भाषायी पाठयचर्या के विमर्श में भाषा की बदलती समझ की झलक कैसे-कैसे दिखती है। जाहिर है कि यह सभी प्रयासों को शामिल नहीं करता है किन्तु राष्ट्र में नीति स्तर पर हुए परिवर्तनों की झलक देकर यह भी इंगित करता है कि अलग अलग लोग इसके बारे में अलग-अलग ढंग से सोचते हैं। उनके लिए कौन से प्रयास और उनमें क्या महत्वपर्णू है या भी अलग-अलग है। मैंने यहां शिक्षकों की धारणाओ व आज की भाषायी कक्षा के उदाहरण भी नहीं दिए हैं पर वे भी यही दिखाते हैं कि फर्क भाषा क्या से लेकर उसे सीखने के मकसद, सिखाने के उद्देश्य व सीखने (कुछ लोग इसे सिखाना कहेंगे) के ढंग तक जाता है। इस सब के अलोक में भाषा शिक्षण के लिए आगे की राह क्या हो यह सोचना होगा।