पाओलो फ़्रेरे के शैक्षिक विचारों के संदर्भ में समकालीन भारतीय शिक्षक शिक्षा की स्थिति : एक विश्लेषण
प्रकाशित 2024-11-25
संकेत शब्द
- निरीक्षण दल,
- पाओलो फ़्रेरे
##submission.howToCite##
सार
भारत में शिक्षक शिक्षा की स्थिति इन दिनों अनुचिंतन व परिवर्तन के दौर से गुज़र रही है । चूँकि , शिक्षक शिक्षा के दो वर्षीय प्रारूप की पाठ्यचर्या को तीन साल से पहले बदला या बंद नहीं किया जा सकता था, इसलिए तीन वर्ष पूरा होने के पश्चात् अब पुनः बी. एड. कार्यक्रम की पाठ्यचर्या बदलाव के विभिन्न आयामों में परिलक्षित की जा रही है । ऐसे में, पुनः यह प्रश्न उभरकर सामने आ रहा है कि कहीं दुबारा से शिक्षक शिक्षा सम्बन्धी नवीन कार्यक्रम यथार्थ से तालमेल बिठा पायेंगे अथवा नहीं ? यह ध्यान रखना होगा कि पूर्व की पाठ्यचर्याओं को लागू करने की जल्दबाज़ी से जो उलझने और समस्याएँ उभरकर सामने आई थीं, उनसे सीख ली जाए । पाओलो फ़्रेरे के शिक्षा सम्बन्धी विचार इन समस्याओ के उपजने के वास्तविक कारणों को समझने में सहायक हो सकते हैं; और अनुचिंतन व विश्लेषण से ही शिक्षक शिक्षा सम्बन्धी नवीन पाठ्यचर्याओं को समयानुकूल और बेहतर बनाया जा सकता है ।